CM Mohan Yadav का विदेश दौरा: दुबई और स्पेन से मध्यप्रदेश में निवेश और रोजगार लाने की बड़ी तैयारी
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 13 जुलाई से एक महत्वपूर्ण विदेश यात्रा पर निकल चुके हैं, जिसका उद्देश्य प्रदेश में विदेशी निवेश को आकर्षित करना और युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलना है। यह दौरा दुबई और स्पेन तक सीमित है, लेकिन इसके असर दूरगामी हो सकते हैं। इस यात्रा को मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति और औद्योगिक विकास के नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री की यह यात्रा पूरी तरह से निवेश उन्मुख है, जहां वे विभिन्न देशों के दिग्गज उद्योगपतियों, व्यापारिक समूहों और निवेशकों से मुलाकात करेंगे। वे मध्यप्रदेश में उपलब्ध औद्योगिक अवसरों, अनुकूल नीतियों और संसाधनों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। सरकार का फोकस है कि विदेशी कंपनियां एमपी में निवेश करें जिससे यहां के युवाओं को बेहतर नौकरी के अवसर मिलें और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
दुबई प्रवास के दौरान डॉ. मोहन यादव ऊर्जा, कपड़ा (टेक्सटाइल), खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन जैसे सेक्टरों में निवेश की संभावनाएं तलाशेंगे। इन क्षेत्रों में मध्यप्रदेश के पास बहुत बड़ी क्षमता है, और यदि सही निवेश आता है तो न केवल रोजगार सृजन होगा बल्कि तकनीकी विकास भी तेजी से होगा। दुबई की वैश्विक स्तर की कंपनियों और उद्यमियों से बातचीत करके मुख्यमंत्री उन्हें एमपी की नीतियों, भूमि नीति, बिजली की उपलब्धता और आसान प्रक्रियाओं के बारे में अवगत कराएंगे। 17 जुलाई 2025 से स्पेन रवाना होंगे ।यह यात्रा विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, इंडस्ट्रियल डिज़ाइन और टिकाऊ (Sustainable) इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश को लेकर केंद्रित रहेगी। यूरोप में स्पेन ऐसे देश के रूप में उभरा है जो ग्रीन टेक्नोलॉजी और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी है। मध्यप्रदेश सरकार चाहती है कि इन क्षेत्रों में स्पेन के अनुभव और तकनीक का लाभ राज्य को मिले।
इस यात्रा का असर सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि ग्रामीण विकास पर भी असर देखने को मिल सकता है। उद्योग आने से स्थानीय स्तर पर भी माइक्रो इकॉनॉमी को बल मिलेगा। एमपी में पहले ही Pithampur जैसे ऑटोमोबाइल हब हैं और सरकार इन्हें विस्तार देना चाहती है।मुख्यमंत्री की यह यात्रा ना सिर्फ एक निवेश यात्रा है, बल्कि यह एक ऐसा कदम है जो आने वाले समय में मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश मानचित्र पर नई पहचान दिला सकता है। अगर यह यात्रा सफल रहती है तो आने वाले कुछ वर्षों में राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार और विकास देखने को मिल सकता है।
विदेशी निवेशकों के लिए राज्य की नीतियां पहले से कहीं अधिक पारदर्शी और अनुकूल हो चुकी हैं। सिंगल विंडो सिस्टम, आसान लाइसेंस प्रक्रिया, और टैक्स में राहत जैसी पहलें निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। लेकिन इन सबसे बढ़कर जो चीज़ असर डाल रही है वह है सरकार का प्रतिबद्ध रुख—कि हर निवेश की परिणति किसी न किसी रोजगार में हो।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भविष्य की हर योजना में “रोजगार” एक अनिवार्य मापदंड होगा। चाहे वह MSME हो, स्टार्टअप इनक्यूबेशन हो, या फिर कोई अंतरराष्ट्रीय निवेश योजना—हर जगह युवाओं के लिए रोजगार सृजन को ही प्रमुख लक्ष्य माना जाएगा। इससे न केवल प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
मध्यप्रदेश सरकार की रोजगार योजनाएं (MP Government Employment Schemes)
1. मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana)
- उद्देश्य: युवाओं को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक लोन पर सब्सिडी देना।
- लाभ: ₹1 लाख से ₹50 लाख तक का लोन।
- लाभार्थी: 18-40 वर्ष के शिक्षित युवा।
- सब्सिडी: 3% ब्याज अनुदान + गारंटी शुल्क सरकार देगी
2. कौशल विकास योजना (Mukhymantri Kaushal Vikas Yojana - MPSSDEGB)
- उद्देश्य: युवाओं को उद्योग की जरूरतों के अनुसार कौशल प्रशिक्षण देना।
- लाभ: फ्री ट्रेनिंग, ट्रेनिंग के बाद प्लेसमेंट या स्वयं का रोजगार।
- लाभार्थी: 15–35 वर्ष की उम्र के युवा।
3. स्वरोजगार योजना (Mukhyamantri Swarozgar Yojana)
- उद्देश्य: बेरोजगारों को बिजनेस के लिए आर्थिक सहायता।
- लाभ: लोन पर सब्सिडी, गारंटी सरकार देगी।
- फोकस: ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों के युवा।
भारत सरकार की रोजगार योजनाएं (Central Govt Employment Schemes)
1. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
- उद्देश्य: नई इकाइयों की स्थापना के लिए बेरोजगारों को फाइनेंशियल हेल्प।
- लाभ: ₹25 लाख तक का लोन (उद्योग के लिए), ₹10 लाख (सेवा क्षेत्र)।
- सब्सिडी: 15-35% तक।
2. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
- उद्देश्य: स्किल ट्रेनिंग देना और युवाओं को जॉब के लिए तैयार करना।
- लाभ: फ्री स्किल ट्रेनिंग + सर्टिफिकेशन + प्लेसमेंट।
अंतिम विचार:
डॉ. मोहन यादव का यह विदेश दौरा केवल औपचारिकता नहीं है बल्कि एक रणनीतिक पहल है। युवाओं के लिए रोजगार, राज्य में निवेश और उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाना – यही इस यात्रा का मूल मकसद है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह यात्रा मध्यप्रदेश को एक नए विकासपथ पर अग्रसर करेगी।
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