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शिवजी को प्रसन्न करने के उपाय | सोमवार व्रत, पूजन विधि और मंत्र

 सावन में सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्त न पहनें ये 3 रंग, वरना नहीं मिलेगा मनचाहा वर

सावन महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान सोमवार का व्रत विशेष फलदायी माना गया है। खासकर अविवाहित लड़कियां इस व्रत को करती हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर मिल सके। लेकिन क्या आप जानती हैं कि जल चढ़ाते समय पहने गए कपड़ों के रंग भी आपके व्रत के फल पर असर डालते हैं?

वास्तु और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ रंगों को अशुभ माना गया है, जिन्हें पहनकर पूजा करने से व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। आइए जानते हैं वो 3 रंग कौन से हैं जो सावन के सोमवार को जल चढ़ाते समय पहनने से बचना चाहिए।


ये 3 रंग सावन में जल चढ़ाते वक्त न पहनें

काला रंग (Black)

  • काला रंग तामसिक ऊर्जा का प्रतीक है और इसे नकारात्मकता से जोड़ा जाता है।
  • सावन के पवित्र महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय काले कपड़े पहनना वर्जित माना गया है।

भूरा या ग्रे रंग (Brown/Grey)

  • यह रंग उदासी और स्थिरता को दर्शाता है।
  • पूजा-पाठ में यह रंग उत्साह कम करता है और इसका असर आपकी मानसिक ऊर्जा पर भी पड़ता है।

गहरा नीला रंग (Dark Blue)

  • गहरे नीले रंग को भी शनि से जोड़ा जाता है।
  • सावन में शिव पूजा करते समय इस रंग से दूरी बनाना अच्छा माना जाता है।

सावन में ये रंग पहनना होता है शुभ

अगर आप मनचाहा वर पाना चाहती हैं, तो इन रंगों के कपड़े पहनकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं:

🌸 गुलाबी (Pink):

  • प्रेम और सौम्यता का प्रतीक, यह रंग विवाह योग्य कन्याओं के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

⚪ सफेद (White):

  • शुद्धता और शांति का प्रतीक है। शिवजी को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है।

🟢 हल्का हरा (Light Green):

  • यह रंग जीवन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को दर्शाता है


भगवान शिव को खुश करने के आसान और प्रभावी उपाय

शिवलिंग पर ये चीजें चढ़ाएं:
  • बेलपत्र (त्रिपत्री): भगवान शिव को सबसे प्रिय होता है। हर पत्ता साफ होना चाहिए और कटना नहीं चाहिए।
  • सफेद फूल: जैसे दूब, आक, कनेर, या चमेली – सफेद रंग शिव को प्रिय है।
  • कच्चा दूध: ठंडा और शुद्ध दूध शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  • गंगाजल: गंगा जल से अभिषेक करना सबसे पवित्र माना जाता है।
  • दही, शहद, घी और शक्कर से पंचामृत बनाकर शिवलिंग का स्नान कराएं।

शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ:

प्रतिदिन या विशेष रूप से सोमवार को शिव चालीसा या रुद्राष्टक स्तोत्र का पाठ करें। 

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